बैठक के दौरान मसूरी क्षेत्र के हिमालयी क्षेत्रों में सुरक्षा उपाय, वाहन, यातायात प्रबन्धन, ठहरने, फ्लोरा फुआना सहित पर्यावरण के प्रति संवेदनशील क्षेत्रों के वहन क्षमता आदि का समग्र अध्ययन पर चर्चा की गई। बैठक के दौरान बताया गया कि विभिन्न संस्थानों द्वारा पिछले कुछ समय में मसूरी को लेकर कुछ अध्ययन किए गए हैं।
मुख्य सचिव द्वारा समिति के सभी सदस्यों से मसूरी क्षेत्र के लिए उनके स्तर पर किए गए अब तक के सभी अध्ययनों का समिति के समक्ष प्रस्तुतीकरण दिए जाने के निर्देश दिए गए। साथ ही बैठक में निर्णय लिया गया कि गोविन्द बल्लभ पंत राष्ट्रीय हिमालय पर्यावरण संस्थान अब तक किए गए सभी अध्ययनों को संकलित रिपोर्ट तैयार करेगा।
मुख्य सचिव ने कहा कि एनजीटी द्वारा मांगे गए सभी प्रकार के अध्ययनों की रिपोर्ट्स को निर्धारित समय में पूर्ण किया जाए। उन्होंने कहा कि समिति के अंतर्गत सभी संस्थानों द्वारा इसके लिए नोडल अधिकारी नियुक्त कर लिए जाएं।
इस अवसर पर सुप्रीम कोर्ट मॉनिटरिंग कमिटी के सदस्य सचिव एम.सी. घिल्डियाल, प्रमुख सचिव आर. के. सुधांशु, वाडिया इंस्टीट्यूट ऑफ जियोलॉजी, देहरादून, गोविन्द बल्लभ पंत राष्ट्रीय हिमालय पर्यावरण संस्थान, कुमाऊं विश्विद्यालय, अंतरिक्ष उपयोग केंद्र अहमदाबाद, राष्ट्रीय जल विज्ञान संस्थान, रुड़की और नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ रॉ मैकेनिक्स, बेंगलुरु सहित केन्द्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड एवं उत्तराखण्ड प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अधिकारी उपस्थित थे।