कृषि मंत्री गणेश जोशी के समक्ष महिला कृषकों की प्रतिनिधियों ने राज्य में किसानों की आय दोगुनी करने हेतु अपने प्रयासों की प्रस्तुति सामने रखते हुए कहा कि यह महिलाएं दून विश्वविद्यालय के पर्यावरण और प्राकृतिक संसाधन संकाय द्वारा संचालित एवं रूरल इंडिया सपोर्ट ट्रस्ट और हंस फाउंडेशन द्वारा वित्त पोषित कार्यक्रम के अंतर्गत 4 जिलों अल्मोड़ा, चंपावत, टिहरी गढ़वाल एवं पिथौरागढ़ में ओद्यानिकी के क्षेत्र में और एकीकृत कृषि के क्षेत्र में काम कर रही हैं।

मंत्री के समक्ष इन महिला समूह ने अपने द्वारा कृषक उत्पाद मूल्य संवर्धन के अंतर्गत विकसित किए गए 21 उत्पादों की प्रस्तुति की। महिला समूह के प्रतिनिधि जोकि 4 जिलों से आई थी, उन्होंने कृषि मंत्री से हॉर्टिकल्चर विभाग के अंतर्गत चलाई जा रही विभागीय योजनाओं में लाभार्थी बनने हेतु अपनी मांगे रखी। साथ ही यह समस्या भी बताई कि महिला समूह द्वारा बनाए जा रहे उत्पादों की निरंतरता बनाए रखने हेतु हॉर्टिकल्चर विभाग द्वारा मसालों एवं सब्जी के बीजों एवं पौधों की आवश्यकता कृषक महिलाओं को रहेगी। इस संबंध में कृषि मंत्री द्वारा सभी कृषक समूहों के प्रतिनिधियों को सकारात्मक आश्वासन दिया गया है कि महिला समूहों के रोजगार को जारी रखने के लिए पूरी मदद की जाएगी। इस बैठक में दुर्गा स्वयं सहायता समूह भिलंगना टिहरी गढ़वाल, भैरवनाथ स्वयं सहायता समूह चमियाला, टिहरी गढ़वाल सीमांत कृषक उत्पादक समूह धारचूला, गोविंद दर्शन जन विकास सहकारी समिति नरेंद्र नगर, कुंजापुरी स्वयं सहायता समूह नरेंद्र नगर, लक्ष्मी उत्पादक समूह बग्वालीपोखर एवं मनन वैभव स्वयं सहायता समूह के प्रतिनिधि शामिल थे। इस अवसर पर कोमल मेहरा, प्रियंका, सुशीला देवी, सोमा राणा, नीलम, पुंडीर, आरती, मधु, अनीता, सुधा, सपना,किरण चौधरी, आशा बिष्ट, डॉक्टर अर्जिता पुनेठा, पिंकी, ब्रिजा देवी, पूर्णा देवी, दर्शन शाह एवं दून विश्वविद्यालय पर्यावरण और प्राकृतिक संसाधन संकाय की तरफ से डॉ विवेक जोशी शामिल रहे।

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