राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन, उत्तराखण्ड द्वारा ऑटिज्म जागरूकता माह (अप्रैल) के अवसर पर एन०एच०एम० सभागार में कार्यशाला का आयोजन किया गया।
स्वाति एस भदौरिया, मिशन निदेशक, एन.एच.एम द्वारा बताया गया कि इस कार्यशाला का उद्देश्य ऑटिज्म के प्रति लोगों में जागरूकता फैलाना, समाज में समावेशिता को बढ़ावा देना तथा अभिभावकों, शिक्षकों और देखभालकर्ताओं को आवश्यक जानकारी प्रदान करना है।
मिशन निदेशक ने कहा कि ऑटिज्म से जुड़े बच्चों को समझने और स्वीकारने की आवश्यकता है। समाज के प्रत्येक वर्ग को मिलकर इनके विकास में सहयोग देना चाहिए व आगे भी ऐसी कार्यशालाओं का आयोजन किया जाएगा ताकि समाज में जागरूकता और सहयोग की भावना को और बल मिले।
डॉ० श्रुति कुमार, असिस्टैंट प्रोफेसर, पीडियाट्रिक, SGRRIMHS देहरादून द्वारा कार्यशाला में ऑटिज्म से जुड़े विभिन्न पहलुओं जैसे प्रारंभिक लक्षणों की पहचान, व्यवहारिक थेरेपी, संचार विकास और समावेशी शिक्षा पर महत्वपूर्ण जानकारियाँ साझा की।
कार्यशाला में देहरादून के विशेषज्ञ चिकित्सकों, आर०बी०एस०के० के चिकित्साधिकारीयों एवं डी०ई०आई०सी० के विशेषज्ञ भौतिक रूप से मौजूद रहे व अन्य जनपदों के बाल रोग विशेषज्ञ द्वारा वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से प्रतिभागिता किया गया।