आयुष्मान योजना के तहत पूर्व की तरह मरीजों को सरकारी अस्पताल से रेफर कराना अनिवार्य

देहरादून: देश में कोरोना संक्रमण को देखते हुए आयुष्मान योजना के तहत मरीजों को सीधे प्राइवेट अस्पताल में भर्ती होने की छूट दी गई थी। लेकिन संक्रमण कम होने के बाद अब इस प्रक्रिया में बदलाव किया गया हैI आयुष्मान योजना के तहत पांच लाख रुपये तक के निशुल्क इलाज के लिए मरीजों को सरकारी अस्पताल से रेफर कराना अनिवार्य कर दिया गया है। 

आयुष्मान योजना के मुख्य कार्यकारी अधिकारी अरुणेंद्र सिंह चौहान ने बताया कि आयुष्मान योजना के तहत इलाज कराने वाले मरीजों को सरकारी अस्पतालों से रेफर करने के बाद ही सूचीबद्ध प्राइवेट अस्पतालों में इलाज की सुविधा मिल पाएगी। उन्होंने कहा कि योजना शुरू होने के बाद से ही यह व्यवस्था थी लेकिन बीच में कोरोना संक्रमण की वजह से इस व्यवस्था में छूट दी गई थी, ताकि मरीजों को संक्रमण के समय जल्द से जल्द इलाज की सुविधा मिल सके। साथ ही उन्होंने कहा कि कोरोना संक्रमण बहुत कम हो गया है इसलिए अब इस व्यवस्था में फिर से बदलाव कर दिया गया है। 

हालांकि सरकारी कर्मचारियों और पेंशनर्स के लिए चलाई जा रही कैशलेस राज्य स्वास्थ्य योजना के तहत इलाज के लिए रेफरल अनिवार्य नहीं है और मरीज सीधे सूचीबद्ध प्राइवेट अस्पतालों में इलाज के लिए जा सकेंगे। साथ ही राज्य के एनएबीएच मान्यता प्राप्त प्राइवेट अस्पतालों में मरीजों को सीधे ही इलाज की सुविधा मिल जाएगी। इसके अलावा मेडिकल कॉलेज और पहाड़ के जिला अस्पतालों में भी आयुष्मान कार्ड धारक सीधे जाकर अपना इलाज करवा सकेंगे। इन अस्पतालों में इलाज के लिए रेफरल की आवश्यकता नहीं होगी। राज्य में एनएबीएच प्राइवेट अस्पताल तीन ही हैं इसलिए अधिकांश प्राइवेट अस्पतालों में इलाज के लिए लोगों को पहले सरकारी अस्पताल से रेफरल कराना होगा।

कोरोना संक्रमण कम होने के बाद अब मरीजों के लिए फिर से बायोमैट्रिक की व्यवस्था को भी लागू कर दिया गया है। योजना के तहत इलाज के लिए आने वाले मरीज का बायोमैट्रिक होगा ताकि इलाज कराने वाले मरीजों की सही जानकारी अस्पतालों के पास रह सके। कोरोना काल में इमरजेंसी स्थिति को देखते हुए व्यवस्था में बदलाव किया गया था। 

 

Related posts