नमामि गंगे परियोजना के तहत राज्य को मिली लगभग 25 करोड़ की परियोजनाओं की स्वीकृति, सीएम धामी ने जताया आभार

देहरादून: उत्तराखण्ड राज्य में नमामि गंगे परियोजना के तहत गंगा नदी जल प्रदूषण नियंत्रण एवं गंगा तटों पर जनसुविधा विकसित किये जाने के लिए भारत सरकार से स्वीकृति दी गयी है। लगभग 25 करोड़ की लागत की 3 परियोजनाओं को राष्ट्रीय स्वच्छ गंगा मिशन, जल शक्ति मंत्रालय व भारत सरकार की 43वीं कार्यकारी समिति की बैठक में सैद्धान्तिक स्वीकृति प्रदान की गयी है। स्वीकृति को लेकर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी व केन्द्रीय जल शक्ति मंत्री गजेन्द्र सिंह शेखावत का आभार व्यक्त किया है।

राष्ट्रीय स्वच्छ गंगा मिशन, जल शक्ति मंत्रालय भारत सरकार की 43वीं कार्यकारी समिति की बैठक में जनपद रूदप्रयाग के केदारनाथ यात्रा के आरंभ स्थल गौरीकुंड व तिलवाड़ा सीवरेज परियोजना के लिए 23.37 करोड़ की योजना स्वीकृत की गई है। इस योजना से नदियों में प्रदूषित जल प्रवाह को रोकने में यह परियोजना कारगर साबित होगी। परियोजना के पूर्ण होने पर चारधाम यात्रा को अधिक लाभ मिलेने के अलावा नदियों की स्वच्छता व निर्मलता के दृृष्टि से भी यह परियोजना महत्वपूर्ण है।

वहीं बैठक में दैवीय आपदा वर्ष 2021 में क्षतिग्रस्त हुए देवप्रयाग एस.टी.पी., कर्णप्रयाग एस.टी.पी. एवं गोपेश्वर एस.टी.पी. के मरम्मत कार्यों के लिए भी 87.37 लाख और चन्द्रेश्वर नगर, ऋषिकेश में नमामि गंगे कार्यक्रम के अतंर्गत निर्मित 7.5 एम.एल.डी. एस.टी.पी. से उत्पन्न ध्वनी स्तर को कम करने के लिए ध्वनिक रोधन लगाए जाने के लिए 82.74 लाख की परियोजना स्वीकृत की गयी है।

गौरतलब है कि नमामि गंगे कार्यक्रम के तहत् स्वीकृत परियोजनाएं उत्तराखण्ड में माँ गंगा एवं इसकी सहायक नदियों की स्वच्छता, निर्मलता एवं अविरलता हेतु अत्यधिक महत्वपूर्ण परियोजनाएं है। इससे पूर्व राज्य में 42वीं कार्यकारी समिति की बैठक में भी लगभग 43 करोड़ की लागत की 4 परियोजनाओं की स्वीकृति दी जा चुकी है।

इस दौरान जी. अशोक कुमार, महानिदेशक, राष्ट्रीय स्वच्छ गंगा मिशन, जल शक्ति मंत्रालय, भारत सरकार की अध्यक्षता में सम्पन्न 43वीं कार्यकारी समिति की बैठक में उत्तराखण्ड राज्य से उदय राज सिंह , अपर सचिव, पेयजल (नमामि गंगे) द्वारा वर्चुवली रूप से प्रतिभाग किया गया।

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