मुख्य सचिव डॉ. एस.एस. संधु ने शुक्रवार को सचिवालय में वन पंचायतों के अन्तर्गत जड़ी-बूटी उत्पादन, प्रसंस्करण एवं ईको टूरिज्म पार्क विकसित किए जाने के सम्बन्ध में अधिकारियों के साथ बैठक की।

मुख्य सचिव ने जड़ी-बूटी उत्पादन और प्रसंस्करण को बढ़ावा दिये जाने हेतु हितधारकों के सुझावों को शामिल किए जाने के निर्देश दिये। उन्होंने कहा कि ड्राफ्ट पॉलिसी तैयार कर पब्लिक डोमेन में डाल कर आम जन की राय ली जाए।

 

 

 

मुख्य सचिव ने कहा कि यह कार्य वन विभाग के अन्तर्गत होना है इसलिए इसके लिये समर्पित अधिकारी नियुक्त किया जाए। उन्होंने कहा कि वन क्षेत्र में वन पंचायतों के माध्यम से और स्थानीय समुदायों के सामूहिक प्रयासों से हर्बल और जड़ी-बूटी को बढ़ावा दिये जाने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि ईको टूरिज्म पार्क तैयार करते समय पर्यटकों के फुटफॉल का भी ध्यान रखा जाए ताकि पर्यटक आएँ तो स्थानीय लोगों को रोज़गार मिल सके।

 

 

मुख्य सचिव ने कहा कि जड़ी-बूटी का उत्पादन क्लस्टर आधारित हो, साथ ही वैल्यू एडिशन यूनिट आदि के लिए भी वैल्यू चैन क्लस्टर तैयार किए जाएँ। उन्होंने कहा कि इसमें नई एमएसएमई पॉलिसी के तहत् 4 करोड़ तक के अनुदान आदि का प्रावधान रखा जाए। उन्होंने कहा कि वाइब्रेंट विलेज योजना में सम्मिलित क्षेत्रों के अन्तर्गत पात्रता पूर्ण कर रही वन पंचायतों को भी शामिल किया जा सकता है।

 

इस अवसर पर प्रमुख वन संरक्षक (हॉफ) अनूप मलिक, निदेशक सेंटर फॉर एरोमैटिक प्लांट डॉ. निर्पेन्द्र चौहान, अपर सचिव विनीत कुमार, डॉ. पूजा गर्ब्याल सहित अन्य अधिकारी उपस्थित थे।

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