शनिवार को राजपुर रोड स्थित होटल में एक न्यूज चैनल द्वारा आयोजित कार्यक्रम में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने पर्यटन क्षेत्र से जुडे उद्यमियों एवं व्यापारियों को हॉस्पिटैलिटी एण्ड टूरिज्म एक्सीलेंस अवार्ड प्रदान करते हुये कहा कि प्रदेश में पर्यटन को बढावा देने के लिये पर्यटन नीति बनायी गई है। पर्यटन के क्षेत्र में निवेश को बढावा देने के लिये कई योजनाओं में शत प्रतिशत सब्सिडी दिये जाने की व्यवस्था की गयी है। मुख्यमंत्री ने कहा कि केंद्र सरकार के सहयोग से प्रदेश में एयर कनेक्टिविटी को मजबूत किया जा रहा है। दूरस्थ क्षेत्रों को हैली सेवा से जोड़ने की दिशा में प्रयास किया जा रहा है तथा जौलीग्रान्ट एअर पोर्ट के साथ पन्तनगर एयरपोर्ट को अन्तराष्ट्रीय स्तर का बनाने के प्रयास किये जा रहे है। देहरादून से देश के लगभग सभी शहरों को हवाई सेवा से जोडा जा रहा है। पिथौरागढ़ एयरपोर्ट का संचालन शीघ्र ही भारतीय वायु सेना द्वारा किया जायेगा। प्रदेश सरकार ने उत्तराखण्ड में एवियेशन टर्बो फ़्यूल (एटीएफ) में लगने वाले वेट को 20 से घटाकर 2 प्रतिशत किया गया है। राज्य के नैसग्रिक प्राकृतिक सौंदर्य के कारण पर्यटन, उद्योग एवं व्यापार की यहां अपार संभावनाएं हैं। पर्यटन हमारी आर्थिकी का आधार है इस दिशा में अवस्थापना सुविधाओं के विकास पर ध्यान दिया जा रहा है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का राज्य के प्रति विशेष लगाव होने के कारण प्रदेश में सड़क, रेल, स्वास्थ्य रोप वे आदि की योजनाओं पर तेजी से कार्य किया जा रहा है। मुख्यमंत्री ने कहा कि, बाबा केदार की भूमि से प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने 21वीं सदी का तीसरा दशक उत्तराखंड का दशक बताया है, इस दिशा में राज्य सरकार तेजी से कार्य कर रही है। गत वर्ष चारधाम यात्रा में लगभग 50 लाख तथा कावड़ यात्रा में 04 करोड़ श्रद्धालु एवं शिव भक्त प्रदेश में आये।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि 2013 की आपदा के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मार्गदर्शन में केदारनाथ का भव्य एवं दिव्य पुनर्निर्माण कार्य इस वर्ष तक पूरा करने का लक्ष्य है। बद्रीनाथ धाम में भी मास्टर प्लान का कार्य तेजी से चल रहा है। उन्होंने कहा प्रधानमंत्री ने हेमकुंट साहिब एवं गौरीकुंड से केदारनाथ तक के रोप-वे का शिलान्यास कर दिया है इससे आने वाले समय में यात्रा और सुगम होगी। ऑल वेदर रोड के निर्माण तथा ऋषिकेश कर्णप्रयाग रेल लाईन निर्माण से पहले के मुकाबले यात्री बेहद कम समय में ऋषिकेश से चार धाम पहुंचेंगे। केदारनाथ में अब तक 03 लाख लोगों ने दर्शन किये हैं यह आंकड़ा इस वर्ष 20 लाख तक जाने की उम्मीद है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में औद्योगिक विकास के लिए राज्य सरकार द्वारा हर सम्भव प्रयास किये जा रहे हैं। पर्यटन कृषि, उद्योग, स्वास्थ्य, शिक्षा एवं सेवा क्षेत्रों में निवेशकों को आकर्षित करने के लिए माह अक्टूबर 2023 में राज्य में इन्वेस्टमेंट समिट कराये जाने का प्रस्ताव है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि केदारखण्ड की भांति मानसखंड मन्दिर माला मिशन योजना पर काम किया जा रहा है। इन्हें बेहतर सड़कों से जोड़ा जाएगा। इसके साथ ही इस योजना के ज़रिए गढ़वाल और कुमाऊं के बीच सड़क कनेक्टिविटी को भी सुधारा जाएगा, ताकि उत्तराखण्ड में गढ़वाल और कुमाऊं के बीच यातायात सुगम हो। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश के पांचवा धाम जागेश्वर धाम से जल्द ही इस योजना का शुभारम्भ किया जायेगा। राज्य सरकार का प्रयास है कि विभिन्न धार्मिक सर्किटों का विकास किया जाए। इसके तहत प्रदेश के विभिन्न क्षेत्रों में आने वाले मुख्य मंदिरों को आपस में जोडकर धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा दिया जाएगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि देहरादून दिल्ली एक्सप्रेस वे से यह दूरी 2.30 घण्टे में पूरी होगी इससे देहरादून मसूरी ऋषिकेश एवं हरिद्वार में पर्यटकों की बढती संख्या के दृष्टिगत इस क्षेत्रों में महायोजना के साथ अवस्थापना सुविधाओं के विकास के साथ वाहनों के लिये पार्किंग की योजनाओं पर ध्यान दिया जा रहा है। पर्वतीय क्षेत्रों में टनल आधारित पार्किंग की सुविधायें विकसित की जा रही है।
कार्यक्रम में मुख्यमंत्री ने विभिन्न पर्यटन व्यवसायियों के साथ मीडिया से बेहतर समन्वय तथा जन कल्याणकारी योजनाओं के प्रभावी प्रचार प्रसार में योगदान के लिये महानिदेशक सूचना बंशीधर तिवारी तथा वन एवं पर्यावरण के क्षेत्र में योगदान के लिये सुशांत पटनायक को भी सम्मानित किया।
अपने संबोधन में पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज ने कहा कि पर्यटन प्रदेश का महत्पूर्ण कारक है। पर्यटन को बढावा देकर युवाओं को स्वरोजगार एवं रोजगार से जोडने का प्रयास किया जा रहा है। गांवों में होमस्टे तथा सीमांत टूरिज्म को बढावा दिया जा रहा है। टैक्सी ड्राइवर को पर्यटकों एवं यात्रियों से उनकी स्थानीय भाषा में बात करने के भी प्रयास किया जा रहे है। इससे भी पर्यटन को बढावा मिलेगा । उन्होंने होटल व्यवसायियों से पहाड के गांवों को गोद लेकर पर्यटकों को ग्रामीण पर्यटन से जोडने में मददगार बनने को कहा। उन्होंने कहा कि राज्य में 4600 होमस्टे संचालित है जिससे 16520 लोगों को रोजगार उपलब्ध हो रहा है। पर्यटन के विभिन्न स्वरूपों को बढावा देने के साथ मेडिकल टूरिज्म की दिशा में प्रयास किये जा रहे है। इस अवसर पर सम्मान प्राप्त करने वाले पर्यटन से जुडे उद्यमियों ने भी अपने सुझाव रखे।