देवभूमि उत्तराखंड के जोशीमठ के सलूड़ में मुखौटा शैली का लोक उत्सव रम्माण आज से शुरू हो गया।
रम्माण उत्सव (Ramman Festival) सलूड़ गांव की 500 वर्ष पुरानी संस्कृति है। रम्माण उत्सव में रामायण पाठ किया जाता है जिसमें बिना संवादों के गीतों, ढोल और ताल की लय पर मुखौटा शैली पर रामायण का मंचन किया जाता है।
2 Oct 2009 को UNESCO द्वारा रम्माण उत्सव को विश्वधरोहर घोषित किया गया।
देवभूमि उत्तराखंड ने सदियों से लोकसंस्कृति, लोककलाओं औऱ लोकगाथाओं को संजोकर रखा है।
“रम्माण उत्सव 2023” का शुभारंभ हो चुका है!
