आईटीबीपी को भेड़, बकरी, मुर्गी और ट्राउट फिश की सप्लाई करते हैं किसान

उत्तराखंड के सीमांत जिलों में स्थित आईटीबीपी की बटालियनें अक्तूबर, 2024 तक मटन, चिकन, फिश सप्लाई के लिए बड़े शहरों पर निर्भर थीं। लेकिन अब उत्तराखंड पशुपालन विभाग ने आईटीबीपी का अनुबंध सीधे स्थानीय पशु पालकों से करा दिया है। इसके बाद शुरुआती पांच महीने में ही, चार सीमांत जिलों के 253 किसान आईटीबीपी के साथ 2.6 करोड़ का कारोबार कर चुके हैं। पशुपालन विभाग ने गत 30 अक्तूबर को इस योजना को लेकर आईटीबीपी के साथ विधिवित अनुबंध किया। इसके तहत पिथौरागढ़, चमोली, उत्तरकाशी और चम्पावत जनपद के 10…

भौगोलिक परिवेश को जानने-समझने का एक प्रयास

– चंद्रशेखर तिवारी उत्तराखण्ड के उच्च व मध्य हिमालयी भाग के दुर्गम इलाकों में की जाने वाली पदयात्रा 1974 से हर दस साल के अंतराल में होती रही है। अस्कोट-आराकोट अभियान यात्रा के नाम से चर्चित यह यात्रा पहाड़ संस्था के संयोजन में आयोजित होती रही है। विगत पांच दशकों में यह यात्रा वर्ष 1974, 1984, 1994, 2004, 2014 और 2024 में सम्पन्न हुई हैं। अस्कोट-आराकोट यात्रा अभियान-2024 में इसके समानांतर स्त्रोत से संगम यात्राएं भी आयोजित हुईं। इसी क्रम में नयार नदी: स्त्रोत से संगम अध्ययन यात्रा घुलेत गांव…

घंटाघर डिजाईन, सर्वे, कान्सेप्ट तो ज्वाइनिंग के दूसरे माह ही कर लिया था तैयारः निरंतर धनराशि संगठित करने में लगे थे डीएम

देहरादून: जिलाधिकारी सविन बंसल अपनी कार्यशैली के अनुसार कई करोड़ के जन सरंचनाओं के एक साथ काम उठवाए है मा० सीएम की प्ररेणा से शहर में विभिन्न प्रमुख स्थलों के सौन्दर्याकरण निर्माण कार्य गतिमान है। जिसके अन्तर्गत दून की धड़कन ‘घंटाघर’ अब दिव्य-भव्य स्वरूप में दिखेगा जिसका सभी स्टैक होल्डर्स से विमर्शः कर कार्य प्रारम्भ हो गया है। जिलाधिकारी येनकेन बजट का प्रबन्ध करते हुए भी कार्यों को धरातल पर उतारने में जुटे हैं, जिनकी उनके द्वारा निरंतर मॉनिटिरिंग की जा रही है। शहर के घंटाघर चौक को आधुनिक एवं…