चमोली की पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष रजनी भंडारी से जुड़ी बड़ी खबर आ रही है। बताया जा रहा है कि उत्तराखंड हाईकोर्ट ने धामी सरकार का झटका देते हुए जिपं अध्यक्ष की बर्खास्तगी के आदेश पर रोक लगा दी है। मामले में प्रतिक्रिया देते हुए हरीश रावत ने कहा कि बदले की भावना, सरकार और राज्य के लिए उचित नहीं है।
मीडिया रिपोर्टस के अनुसार मामले में हाईकोर्ट के वेकेशन जज न्यायमूर्ति शरद कुमार शर्मा की एकलपीठ ने सुनवाई हुई। जिसमें कोर्ट ने चमोली जनपद की बर्खास्त जिला पंचायत अध्यक्ष रजनी भंडारी की बर्खास्तगी आदेश को निरस्त करते हुए उन्हें बहाल कर दिया है। साथ ही उच्च न्यायालय ने सरकार से पंचायती राज नियमावली का ठीक से पालन करने की नसीहत भी दी है।
बताया जा रहा है कि कुछ दिनों पूर्व जिला पंचायत के उपाध्यक्ष लक्ष्मण सिंह रावत ने जिला पंचायत अध्यक्ष पर नंदादेवी राज जात यात्रा में वित्तीय अनियमितता करने के आरोप लगाया था। साथ ही जिला पंचायत के कार्यों में अध्यक्ष के पति पूर्व काबीना मंत्री राजेंद्र सिंह भंडारी के हस्तक्षेप करने का आरोप लगाया था। जिसपर जिला पंचायत सदस्य विनोद नेगी ने शासन ने मामले में जल्द कार्रवाई करने की मांग की थी। जिसपर कार्रवाई करते हुए शासन ने जिपं अध्यक्ष की बर्खास्तगी के आदेश दिए थे।
वहीं मामले में पूर्व सीएम हरीश रावत ने कहा कि बदले की भावना, हाईकोर्ट में पराजित हो गई है। रजनी भंडारी चमोली जिला पंचायत की अध्यक्ष बनी रहेंगी। माननीय मुख्यमंत्री को अपनी सरकार के इस निर्णय पर फिर से विचार करना चाहिए।