वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक, एस०टी० एफ० आयुष अग्रवाल ने जानकारी देते हुए बताया कि साइबर क्राईम पुलिस स्टेशन में शिकायतकर्ता दीपक कुमार द्वारा शिकायत दर्ज कराई गई थी कि उनके साथ अज्ञात अभियुक्तों द्वारा कूटरचित दस्तावेजों का प्रयोग कर स्वंय को भारतीय कम्पनी FINAHUB Pvt Ltd से बताते हुए विभिन्न नम्बरों से Whatsapp के माध्यम से सम्पर्क कर सुनियोजित तरीके से ऑनलाईन गोल्ड व्यवसाय में इन्वेस्ट कर लाभ कमाने का लालच देकर 22,48,258/- रुपये की धनराशि धोखाधड़ी की गई है|* जिसपर साइबर क्राईम पुलिस स्टेशन देहरादून पर मु0अ0सं0 26/2022 धारा 420,468,120बी भादवि व 66(डी) आईटी एक्ट का अभियोग पंजीकृत किया गया तथा विवेचना साइबर थाने के निरीक्षक त्रिभुवन रौतेला को सुपुर्द की गयी। जिसपर एक टीम गठित कर प्रकरण के अनावरण हेतु मेरे द्वारा निर्देश दिये गए |गठित टीम द्वारा घटना में प्रयुक्त मोबाईल नम्बर तथा अभियुक्तो द्वारा शिकायतकर्ता से प्राप्त धनराशि की जानकारी प्राप्त की गयी तो प्रकाश में आया कि शिकायतकर्ता की धनराशि लातूर महाराष्ट्र में स्थानान्तरित हुयी है, जिसके आधार पर टीम को महाराष्ट्र भेजा गया। पुलिस टीम द्वारा अथक मेहनत एवं प्रयास से तकनीकी विश्लेषण कर प्रकरण में वेबसाइट निर्माता, बैंक खाता संचालक, हवाला परिचालन आदि से संबंधित विवरणों की जानकारी की गई | जिससे इस मामले में टीम को कुछ जरूरी सबूत मिले और एक मास्टरमाइंड के बारे में पता चला जो बैंक खाता खोलने में अहम भूमिका निभाता था। जिसके आधार पर अभियोग में संलिप्त आरोपी को महाराष्ट्र से गिरफ्तार किया गया तथा इस अभियोग से सम्बन्धित 01 अदद मोबाईल फोन, 01आधार कार्ड, 01 पैन कार्ड व 01 आईडी कार्ड बरामद किये गये।
अपराध का तरीकाः- साईबर पीड़ित दीपक कुमार द्वारा अपने प्रथम सूचना विवरण के माध्यम से अवगत कराया कि अज्ञात व्यक्ति द्वारा वादी मुकदमा को अज्ञात मोबाईल नम्बर से व्हट्सएप के माध्यम से सम्पर्क कर सुनियोजित तरीके से कूटरचित दस्तावेजों का प्रयोग कर स्वंय को भारतीय कम्पनी FINAHUB PVT LTD से बताते हुए ऑनलाईन गोल्ड व्यवसाय पर निवेश कर लाभ कमाने का लालच दिया गया । जिसके पश्चात उक्त व्यक्ति द्वारा सुनियोजित तरीके से कम्पनी के कूटरचित दस्तावेज दिखाये गये तथा ऑनलाईन गोल्ड व्यवसाय में धनराशि को निवेश करने के नाम पर लाभ कमाने का लालच देकर उनके साथ धोखाधड़ी की गयी। इस गिरोह के सदस्य गोल्ड ट्रेडिंग ऐप में निवेश के नाम पर लोगो को लगातार लुभाते रहते है । इस वेबसाइट का नाम wap.dotgold1.in था | इस मामले में पीड़ित ने बताया कि अभियुक्तों ने अपनी नई वेबसाइट wap.patgold.in के नाम से बदल दी और जब उसके द्वारा अपने पैसे वापस मांगे तो उसे आगे और पैसे जमा करने के लिए कहा गया और उसे बताया गया कि जल्द ही उनकी वेबसाइट wap.meerigold.in में बदल जाएगी और यहां तक कि भुगतान का तरीका भी केवल यूपीआई IDs ही होगा | मामले में अभियुक्त से पूछताछ पर जानकारी हुई कि हम लोग शुरुआत में गोल्ड निवेश के नाम पर ठगे जाने वाले व्यक्ति को कुछ छोटा निवेश करने पर उसे अच्छे लाभ के साथ धनराशि पहले वापस करते है, जिससे वह व्यक्ति इस कंपनी में बड़ी धनराशि निवेश करने के लिए लालच में आ जाता है | इसके पश्चात् उस व्यक्ति को वॉट्सऐप के जरिए बताया जाता कि अब पैसा नहीं निकाला जा सकता और ज्यादा निवेश करना होगा इस पर पीड़ित व्यक्ति हम लोगो के झासे में आ जाता था और उससे हम लोग अच्छी खासी रकम हड्प लेते थे | संदिग्ध गिरफ्तार व्यक्ति के खाते में 01 महीने में पुरे भारत वर्ष से अलग-अलग लोगो से कई करोडो रूपये प्राप्त किये जाने की जानकारी मिली है | पकडे गए अभियुक्त द्वारा अपने गिरोह के सदस्यों के साथ 5 करोड़ की राशि को ठिकाने लगाने में मदद की गई है | इस गिरोह के तार हांगकांग एवम सिंगापुर तक जुड़े होने के जानकारी प्राप्त हो रही है, जिन पर आगे विवेचना की जा रही है |
गिरफ्तार अभियुक्तः-
1- Pravin Ramchandra Thorat S/o Ramchandra Thorat R/o Umbadga, PO Budhoda, PS Ausa Latur Maharastra. Age 42 Yrs
बरामदगीः-
1- एक अदद मोबाईल फोन मय 02 सिम
2- 01 पैन कार्ड
3- 01 आधार कार्ड
4- ID कार्ड 01
पुलिस टीमः-
1- निरीक्षक त्रिभुवन रौतेला
2- उ0नि0 राहुल कापड़ी
3- उ0नि0 राजीव सेमवाल
आयुष अग्रवाल वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक एस0टी0एफ0 उत्तराखण्ड महोदय द्वारा जनता से अपील की है कि वे किसी भी प्रकार के लोक लुभावने अवसरो/फर्जी साइट/धनराशि दोगुना करने व ऑनलाईन निवेश कराने वाले व्यक्तियों से सावधान रहें । किसी भी प्रकार के ऑनलाईन भुगतान करने से पूर्व उक्त साईट का पूर्ण वैरीफिकेशन स्थानीय बैंक, सम्बन्धित कम्पनी आदि से भलीं भांति इसकी जांच पड़ताल अवश्य करा लें तथा गूगल से किसी भी कस्टमर केयर नम्बर सर्च न करें । कोई भी शक होने पर तत्काल निकटतम पुलिस स्टेशन या साइबर क्राईम पुलिस स्टेशन को सम्पर्क करें । वित्तीय साईबर अपराध घटित होने पर तुरन्त 1930 नम्बर पर सम्पर्क करें ।