मुख्य सचिव डॉ. एस.एस. संधु ने गुरुवार को सचिवालय में पर्यटन को बढ़ावा देने के सम्बन्ध में पर्यटन विभाग के अधिकारियों के साथ बैठक ली।

बैठक के दौरान मुख्य सचिव ने कहा कि प्रदेश में पर्यटन से सम्बन्धित अधिक से अधिक गतिविधियां शामिल करने हेतु संभावनाएं तलाशी जाएं। उन्होंने कहा कि उत्तराखण्ड भौगोलिक दृष्टिकोण से जलक्रीड़ा और हवाई क्रीड़ाओं के लिए अत्यधिक उपयुक्त है, जो रोजगार सृजन में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है।

मुख्य सचिव ने कहा कि पौड़ी के रांसी स्टेडियम सहित पिथौरागढ़ और टिहरी में स्थित अत्यधिक ऊंचाई में स्थित खेल के मैदानों को हाई एल्टीट्यूड ट्रेनिंग ग्राउंड के रूप में विकसित किया जाए। उन्होंने प्रदेश में उपलब्ध भूमि खंड के अनुरूप छोटे बड़े गोल्फ कोर्स विकसित किए जाने के भी निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए अधिक से अधिक संभव गतिविधियों को शामिल किया जाना चाहिए।

मुख्य सचिव ने कहा कि प्रदेश में विभिन्न स्थानों में रस्सी से बंधे हुए गर्म गैस के गुब्बारों के माध्यम से हवाई दृश्यों को दिखाया जा सकता है। उन्होंने कहा कि कैलाश मानसरोवर के दर्शन बंधे गैस के गुब्बारों के माध्यम से कराए जाने की संभावनाएं भी तलाशी जाएं। उन्होंने कहा कि हिमालय दर्शन योजना को अधिक से अधिक बढ़ावा दिया जाए। साथ ही, हाईएंड टूरिस्ट के लिए ब्रेकफास्ट योजना को अधिक से अधिक स्थानों से संचालित किए जाने हेतु प्रयास किए जाएं।

मुख्य सचिव ने कहा कि खेल विभाग के माध्यम से साहसिक खेलों के लिए प्रामाणिक पाठ्यक्रम की व्यवस्था सुनिश्चित की जाए ताकि इस क्षेत्र में अधिक से अधिक प्रशिक्षित युवा आ सकें। पर्यटन गतिविधियों को बढ़ावा देने के लिए सरकारी जमीन को लीज पर देने के लिए पॉलिसी में बदलाव की आवश्यकता है तो की जानी चाहिए, ताकि लोगों को पर्यटन गतिविधियों से जुड़ने में आसानी हो।

इस अवसर पर सचिव सचिव कुर्वे, अपर सचिव पर्यटन और नागरिक उड्डयन सी. रविशंकर सहित अन्य उच्चाधिकारी उपस्थित थे।

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