मुख्य सचिव ने सचिव सड़क, परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय से राष्ट्रीय राजमार्गों को शीघ्र दुरुस्त किए जाने की अपेक्षा की। उन्होंने कहा कि चारधाम यात्रा मार्ग में स्थित विभिन्न बॉटल नेक को शीघ्र से शीघ्र ठीक कराया जाए। उन्होंने कहा कि जो भी सड़क निर्माण कार्य स्वीकृत किए जा चुके हैं, उन्हें तेजी से काम कर शीघ्र पूर्ण किया जाए। उन्होंने चम्पावत बाईपास और पिथौरागढ़ बाईपास के सम्बन्ध में जिलाधिकारियों को साप्ताहिक बैठक कर तेजी से कार्य किए जाने के निर्देश दिए। उन्होंने बीआरओ को उत्तरकाशी में धरासू बैंड का कार्य 2 या 3 शिफ्ट में करते हुए अगले मई माह के अंत तक पूर्ण किए जाने के भी निर्देश दिए।
मुख्य सचिव ने सभी जिलाधिकारियों से फंड्स की परवाह न करते हुए प्रदेश में सड़क सुरक्षा के कार्यों को प्राथमिकता पर लेते हुए शीघ्र पूर्ण किए जाने की बात कही। उन्होंने कहा कि पहली बार सड़क सुरक्षा के लिए क्रैश बैरियर और ब्लैक स्पॉट सुधारीकरण जैसे कार्यों के लिए 300 करोड़ का प्रावधान किया गया है। उन्होंने कहा कि अगले 3, 4 माह में प्राथमिकता निर्धारित करते हुए ज्यादा से ज्यादा क्रैश बैरियर, साईनेज आदि लगाते हुए ब्लैक स्पॉट का सुधारीकरण किया जाए।
मुख्य सचिव ने सभी जिलाधिकारियों को सड़क दुर्घटनाओं में मृत और घायलों को दिए जाने वाले मुआवजे के लंबित प्रकरणों को शीघ्र निस्तारित किए जाने के भी निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि ये सभी जिलाधिकारियों की नैतिक जिम्मेदारी है कि दुर्घटनाओं का मुआवजा दुर्घटना के 2, 3 दिनों में वितरित कर दिया जाए।
इस अवसर पर वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से सचिव सड़क, परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय अलका उपाध्याय, प्रमुख सचिव आर. के. सुधांशु, सचिव अरविन्द सिंह ह्यांकि सहित सम्बन्धित विभागों के उच्चाधिकारी उपस्थित थे।