सूबे के राजकीय नर्सिंग कॉलेज, स्कूल, पैरामेडिकल कॉलेज एवं एएनएम ट्रेनिंग सेंटरों में ढांचागत सुविधाओं को बढ़ाने के साथ ही आवश्यक संसाधन भी जुटाये जायेंगे, ताकि ये सभी संस्थान आईएनसी मानकों पर खरा उतर सके। आईएनसी की मान्यता मिलने के उपरांत इन संस्थानों से निकलने वाले छात्र-छात्राओं को देश-विदेश के नामी मेडिकल संस्थानों में सेवा करने का समुचित अवसर मिल सकेगा। उन्होंने नर्सिंग संस्थानों को आईएनसी मान्यता न मिलने पर विभागीय अधिकारियों को जमकर फटकार लगाई।
सूबे के चिकित्सा स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा मंत्री डा0 धन सिंह रावत ने आज दून अस्पताल के ओपीडी भवन सभागार में प्रदेश के राजकीय नर्सिंग कॉलेज, स्कूल, पैरामेडिकल कॉलेज एवं एएनएम ट्रेनिंग सेंटरों की समीक्षा बैठक ली। जिसमें उन्होंने संबंधित संस्थानों में स्वीकृत पदों ंके सापेक्ष शिक्षक एवं शिक्षणेत्तर कर्मचारियों, उपलब्ध संसाधनों एवं अन्य मूलभूत सुविधाओं की विस्तृत समीक्षा की। विभागीय अधिकारियों द्वारा बताया गया कि अधिकतर संस्थानों में आईएनसी मानकों के अनुरूप टीचिंग फैकल्टी नियुक्त नहीं हो पाई है जबकि कई संस्थानों में पदों का सृजन भी मानकों के अनुरूप नहीं है, जिनके प्रस्ताव शासन स्तर पर लम्बित हैं। जिस कारण अधिकतर संस्थानों की आईएनसी मान्यता नहीं हो पायी है। वर्तमान में अधिकतर संस्थानों को स्टेट नर्सिंग काउंसिल की ही मान्यता प्राप्त है। जिस पर उन्होंने विभागीय अधिकारियों को फटकार लगाते हुये सभी नर्सिंग संस्थानों में आईएनसी मानकों के अनुरूप फैकल्टी तैनात करने एवं आवश्यक संसाधन जुटाने के सख्त निर्देश दिये। साथ ही उन्होंने निदेशक चिकित्सा शिक्षा को निर्देश दिये कि एक सप्ताह के भीतर उनकी अध्यक्षता में मुख्य सचिव, कार्मिक सचिव, वित्त सचिव एवं चिकित्सा शिक्षा सचिव की बैठक के आयोजन हेतु पत्रावली प्रस्तुत करें। जिसमें संबंधित संस्थानों के लम्बित प्रकरणों पर निर्णय लिया जायेगा।
बैठक में निदेशक चिकित्सा शिक्षा डा. आशुतोष सयाना ने बताया कि वर्तमान में प्रदेशभर में 9 नर्सिंग कॉलेज, 3 नर्सिंग स्कूल, 3 पैरामेडिकल कॉलेज एवं 5 एएनएम ट्रेंनिग सेंटर संचालित किये जा रहे हैं। उन्होंने बताया कि नर्सिंग संस्थानों में नियमित नियुक्ति होने तक रिक्त पदों के सापेक्ष संविदा के माध्यम से टयूटर के 32 पद, असिस्टेंट प्रोफेसर के 4 पद एवं एसोसिएट प्रोफेसर के 6 पदों भरा जायेगा, जिसके लिये साक्षात्कार की तिथि आगामी 20 जुलाई निर्धारित की गई है।
बैठक में महानिदेशक स्वास्थ्य डा. विनीता शाह, निदेशक चिकित्सा शिक्षा डा. आशुतोष सयाना, निदेशक डा. सुनीता टम्टा, संयुक्त निदेशक नर्सिंग डा. हरीश बंधु, रजिस्ट्रार स्टेट निर्संग काउंसिल रामकुमार शर्मा, पीआरओ महेन्द्र सिंह भण्डारी सहित विभिन्न नर्सिंग संस्थानों के प्राचार्य एवं अन्य विभागीय अधिकारी उपस्थित रहे।