कैबिनेट मंत्री गणेश जोशी ने चैत्र नवरात्र के हरेले पर अपनी माँ मोहिनी देवी जोशी से हरियाली पूजकर आशीर्वाद लिया। इस अवसर पर प्रदेशवासियों को हरेले की शुभकामनाएं दी। उन्होंने बताया कि चैत्र माह में बोया जाने वाला हरेला मौसम के बदलाव के सूचक है जो गर्मी आने की सूचना देता है।
हरेला उत्तराखंड का एक लोकप्रिय त्यौहार है। हरेला एक वर्ष में तीन बार मनाया जाने वाला प्रकृति से जुड़ा एक लोकपर्व है। चैत्र माह की प्रथम नवरात्रि को हरेला बोया जाता है और नवरात्रि पूरे होने के बाद दशमी तिथि को काटा जाता है। पूरे उत्तराखंड में सभी लोग साल में तीनों हरेला नहीं मनाते हैं, चैत्र नवरात्र का हरेला खासकर कुमाऊं में मनाया जाता है। यह एक कृषि पर्व है जो घर में सुख, समृद्धि व शान्ति के लिए बोया व काटा जाता है। किसी थाली या टोकरी में मिट्टी ली जाती है इसमें पांच या सात प्रकार के अनाज के बीज बोये जाते हैं। यह अनाज हैं जौ, गेहूं, मक्का, गहत, सरसों, उड़द और भट्ट।