उत्तराखंड एसटीएफ का खौफ– स्पेशल टास्क फोर्स/साइबर पुलिस स्टेशन देहरादून के समक्ष साइबर अपराधी ने खुद ही कर दिया आत्मसमर्पण।

क्रिप्टो करैन्सी में ऑनलाईन ट्रेडिंग कर लाभ कमाने व फ्लिपकार्ट का गिफ्ट गिविंग मैनेजर बताकर यू ट्यूब चैनल्स को लाईक व सब्स्क्राईब करने के टास्क से लाभ कमाने का लालच देकर 13,11,900/- रुपये धोखाधड़ी करने वाले गिरोह के तीसरे सदस्य को धारा 41 सी0आर0पी0सी0 के तहत कानूनी कार्यवाही की गयी । पूर्व में भी 2 सदस्य को गिरफ्तार कर कानूनी कार्यवाही अमल में लाई गई । अब तक उक्त मुकदमे में 3 अभियुक्तों को गिरफ्तार कर कानूनी कार्यवाही की गई । आगे भी अन्य अभियुक्तों की गिरफ्तारी के प्रयास किए जा रहे हैं ।

 

माननीय मुख्यमंत्री उत्तराखण्ड के निर्देशो के क्रम में प्रदेश के निवासियों को साइबर अपराधियों द्वारा जनता से ठगी करने वालो पर सख्त कार्यवाही कर पुलिस महानिदेशक द्वारा एसटीएफ व साइबर पुलिस को प्रभावी कार्यवाही हेतु दिशा निर्देश दिये गये है ।

 

इसी क्रम में एक प्रकरण साइबर क्राईम पुलिस स्टेशन को प्राप्त हुआ जिसमें शिकायतकर्ता विक्रम कुमार पडाला जो कि मूकबाधिर है . के साथ अज्ञात अभियुक्तो द्वारा स्वंय को फ्लिपकार्ट का गिफ्ट गिविंग मैनेजर बताकर यू ट्यूब चैनल्स को लाईक व सब्स्क्राईब करने का टास्क देकर लाभ कमाने की बात कहना उसके पश्चात क्रिप्टो करैन्सी में ऑनलाईन ट्रेडिंग कर लाभ कमाने की बात कहते हुए टेलीग्राम ग्रुप में जोड़कर अज्ञात व्यक्तियों द्वारा भिन्न-भिन्न वैबसाईट के लिंक भेजकर निवेश व टास्क करने हेतु कहना जिसके पश्चात उक्त अज्ञात व्यक्तियों द्वारा आपराधिक षडयन्त्र रचकर शिकायतकर्ता को टास्क तथा क्रिप्टो करेन्सी में निवेश के नाम पर भिन्न-भिन्न तिथियों में भिन्न भिन्न लेन देन के माध्यम से *ऑनलाईन कुल 13,11,900/- रुपये धोखाधड़ी* की धनराशि प्राप्त करने सम्बन्धी शिकायत के आधार पर साइबर क्राईम पुलिस स्टेशन देहरादून पर मु0अ0सं0 08/23 धारा 420 .120 बी भादवि व 66(डी) आईटी एक्ट का अभियोग पंजीकृत किया गया तथा विवेचना साइबर थाने के निरीक्षक विकास भारद्वाज के सुपुर्द की गयी। विवेचक द्वारा दौराने विवेचना पीड़ित के साथ 13,11,900/- रुपये की धोखाधड़ी होने की पुष्टि हुई है। सम्पूर्ण भारत के भिन्न-भिन्न राज्यों में उपरोक्त माध्यम से गिरोह द्वारा की जा रही थी लाखो की धोखाधड़ी ।

 

अभियोग में अभियुक्त के विरुद्ध कार्यवाही हेतु घटित टीम द्वारा घटना में प्रयुक्त मोबाईल नम्बर, तथा अभियुक्तो द्वारा शिकायतकर्ता से प्राप्त धनराशि की जानकारी प्राप्त की गयी तो प्रकाश में आया कि शिकायतकर्ता की धनराशि दिल्ली, जयपुर राजस्थान में स्थानान्तरित हुयी है के आधार पर टीम को राजस्थान भेजा गया ।

 

पुलिस टीम द्वारा अथक मेहनत एवं प्रयास से अभियुक्तो द्वारा उक्त धनराशि को जिन खातों मे आहरित किया गया था उन खातो की जानकारी व साक्ष्य एकत्रित करते हुये अभियोग में सलिप्त गिरोह के सदस्यों का विवरण एकत्र किया गया। दो आरोपियों को जयपुर से पकड़ा गया और आज तीसरे सदस्य ने खुद ही साइबर पुलिस स्टेशन देहरादून में सरेंडर कर दिया |

 

अपराध का तरीका :- साईबर पीड़ित द्वारा अपने प्रथम सूचना विवरण के माध्यम से अवगत कराया कि अज्ञात व्यक्ति द्वारा वह्ट्स एप के माध्यम से सम्पर्क कर स्वंय को फ्लिपकार्ट का गिफ्ट गिविंग मैनेजर बताकर यू ट्यूब चैनल्स को लाईक व सब्स्क्राईब करने के टास्क कर लाभ कमाने की बात कहना उसके पश्चात क्रिप्टो करैन्सी में ऑनलाईन ट्रेडिंग कर लाभ कमाने की बात कहते हुए टेलीग्राम ग्रुप में जोड़कर अज्ञात व्यक्तियों द्वारा भिन्न-भिन्न वैबसाईट के लिंक भेजकर निवेश व टास्क करने हेतु कहना जिसके पश्चात उक्त अज्ञात व्यक्तियों द्वारा आपराधिक षडयन्त्र रचकर शिकायतकर्ता को टास्क तथा क्रिप्टो करेन्सी में निवेश के नाम पर भिन्न-भिन्न तिथियों में भिन्न भिन्न लेन देन के माध्यम से ऑनलाईन कुल 13,11,900/- रुपये धोखाधड़ी की गयी।

 

अभियुक्त :-

(1)पिन्टु मीणा पुत्र कैलाश चंद मीणा निवासी ग्राम अभयपुरा पोस्ट पालावाला तहसील बस्सी जिला जयपुर राजस्थान

 

पुलिस टीमः-

1 निरीक्षक  विकास भारद्वाज

2 उ0नि0 राजीव सेमवाल

3-का0 शादाब अली

 

श्री आयुष अग्रवाल वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक एस0टी0एफ0 उत्तराखण्ड महोदय द्वारा जनता से अपील की है कि पहले भी साइबर एडवाइजरी जारी की गई थी, जिसमें लोगों से ऐसे जाल में न फंसने का अनुरोध किया गया था। यूट्यूब लाइक/सब्सक्राइब साइबर अपराध का एक नया चलन है। वे किसी भी प्रकार के लोक लुभावने अवसरो/फर्जी साइट/धनराशि दोगुना करने व ऑनलाईन बिजली के बिल का भुगतान करने वाले व्यक्तियों से सावधान रहें । किसी भी प्रकार के ऑनलाईन भुगतान करने से पूर्व उक्त साईट का पूर्ण वैरीफिकेशन स्थानीय बैंक, सम्बन्धित कम्पनी आदि से भलीं भांति इसकी जांच पड़ताल अवश्य करा लें तथा गूगल से किसी भी कस्टमर केयर नम्बर सर्च न करें । कोई भी शक होने पर तत्काल निकटतम पुलिस स्टेशन या साइबर क्राईम पुलिस स्टेशन को सम्पर्क करें । वित्तीय साईबर अपराध घटित होने पर तुरन्त 1930 नम्बर पर सम्पर्क करें ।

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