जेल से चल रहे कुख्यातों के नेटवर्क का भंडाफोड

– कुख्यात भूरा कैदी की पत्नी से मांग रहा था फिरौती

हरिद्वार। एसटीएफ ने हरिद्वार जेल से चल रहे कुख्यातों के नेटवर्क का भंडाफोड़ किया है। यहां हत्या और लूट के मामलों में बंद कुख्यात इंतजार उर्फ भूरा व उसके साथी मोबाइल से फिरौती मांग रहे थे। एसटीएफ ने जेल से दो मोबाइल फोन और दो सिम व चार्जर भी बरामद किए हैं। एक कैदी की पत्नी से फिरौती के रूप में मांगी गई सोने की चेन लेने गए भूरा के दो साथियों को भी एसटीएफ ने गिरफ्तार किया है। इस मामले में आईजी जेल ने दो वार्डनों को भी निलंबित किया है।
मामले में रोशानाबाद (हरिद्वार जिला जेल) जेल में बंद एक कैदी वैभव बंसल के परिजनों ने डीजीपी से शिकायत की थी। वैभव बंसल गत 24 दिसंबर 2020 से जेल में बंद है। उसकी पत्नी को व्हाट्एसप से कॉल कर सोने की चेन फिरौती में मांगी जा रही थी। डीजीपी के निर्देश पर एसटीएफ ने इस मामले की जांच शुरू की तो पता चला कि यह फिरौती रोशनाबाद जेल में बंद इंतजार पहलवान (भूरा) व उसके साथी नावेद आलम ने मांगी है। एसएसपी एसटीएफ अजय सिंह ने बताया कि ट्रैप के मुताबिक चेन लेकर निर्धारित स्थान पर बंसल की पत्नी को पहुंचने को कहा गया। इसके बाद जैसे ही एक युवक चेन लेने पहुंचा तो उसे गिरफ्तार कर लिया गया। पूछताछ में उसने अपना नाम साहिल अली बताया। साहिल अली नावेद के भाई परवेज के कहने पर ही वहां पहुंचा था। जैसे ही परवेज आलम उसके पास निर्धारित स्थान पर पहुंचा तो उसे भी गिरफ्तार कर लिया गया। इसके बाद एसटीएफ की टीम ने हरिद्वार जिला जेल में रेड डाली तो वहां से दो मोबाइल, दो सिम और एक चार्जर बरामद हुआ। इन मोबाइलों के माध्यम से इंतजार पहलवान उर्फ भूरा व नावेद व्हाट्सएप चलाते थे। इंतजार पहलवान उर्फ भूरा के खिलाफ हत्या और लूट, डकैती के 28 मुकदमे दर्ज हैं। इस कांड में नाम आने के बाद इंतजार को दूसरी जेल में शिफ्ट करने के आदेश दिए गए हैं। इसके साथ ही नावेद के खिलाफ भी हत्या का मुकदमा दर्ज है, जो करीब एक साल से रोशनाबाद जेल में बंद है। उसे भी दूसरी जेल में भेजा जा रहा है।
आईजी जेल एपी अंशुमान ने बताया कि इस मामले में शुरुआत से ही जेल कर्मचारियों की मिलीभगत सामने आ रही थी। इसके चलते वहां वार्डन देवराज सिंह और सुनील तोमर को निलंबित कर दिया गया है। इसके साथ ही पूरे मामले में उच्च स्तरीय जांच बैठाने के निर्देश भी दिए गए हैं। उन्होंने बताया कि इसमें अन्य अधिकारियों और कर्मचारियों की मिलीभगत की भी जांच की जा रही है। जिन अधिकारियों के नाम सामने आएंगे उनके खिलाफ भी मुकदमा दर्ज कराया जाएगा।

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