हरिद्वार। चमोली जिले में ग्लेशियर टूटने के बाद आई आपदा के बाद आईआईटी रुड़की के शोधकर्ताओं ने इस घटना पर अपनी रिसर्च शुरू कर दी है। आपदा के कारणों का पता लगाने में जुटे शोधकर्ता इस त्रासदी पर चिंतित हैं और भविष्य में ऐसी घटना ना हो, इसके लिए बारीकी से मंथन किया जा रहा है। आईआईटी रुड़की के वैज्ञानिकों का कहना है कि 2013 में केदारनाथ में हुई त्रासदी और चमोली जिले में आई आपदा में काफी अंतर है। आईआईटी रुड़की के वैज्ञानिकों का कहना है कि हिमालय क्षेत्रों…
Category: टेक्नॉलजी
वाडिया की टीम को आपदा के उद्गम स्थल तक पहुंचने पर करना पड़ रहा दिक्कतों का सामना
देहरादून: चमोली आपदा को लेकर जांच में जुटी वाडिया इंस्टीट्यूट ऑफ हिमालयन जियोलॉजी के वैज्ञानिकों को आपदा के उद्गम स्थल तक पहुंचने में दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। इंस्टीट्यूट के निदेशक डॉ. कालाचांद साईं का कहना है कि जरूरत पड़ने पर वैज्ञानिकों को हेलीकॉप्टर भी मुहैया कराया जाएगा, जिससे आपदा के कारणों का पता लगाया जा सके। वाडिया इंस्टीट्यूट ऑफ हिमालयन जियोलॉजी के निदेशक डॉ. कालाचांद साईं ने बताया कि फिलहाल संस्थान के पांच वैज्ञानिकों की दो टीमें आपदा से जुड़े तमाम वैज्ञानिक पहलुओं पर अध्ययन कर रही…