जिलाधिकारी की अध्यक्षता में जिला गंगा संरक्षण समिति की बैठक

हरिद्वार। जिलाधिकारी सी रविशंकर की अध्यक्षता में जिला गंगा संरक्षण समिति की बैठक कैम्प कार्यालय रोशनाबाद में आयोजित की गयी। बैठक में जनपद की महत्वपूर्ण गंगा घाट प्रबंधन योजना के विषय में कुछ निर्देश जिलाधिकारी द्वारा अधिकारियों को दिये गये। जिलाधिकारी ने गंगा घाटों की प्रबंधन के लिए जिले स्तर पर लोगों व संस्थाओं को गंगा घाटों के अस्थाई प्रबंधन के लिए सशर्त दिये जाने की इस योजना के बार में समिति के गैर सरकारी संस्थाओं के सदस्यों को इस योजना के व्यापक प्रचार प्रसार के लिए स्वंय जाकर जागरूकता बढ़ाने की बात कही। विभागीय अधिकारियों को निर्देशित किया कि सभी विभाग इस योजना के आवेदन पत्रों को अपने कार्यालय से भी विततिर करें। योजना के सम्बंध में जानकारी देने के लिए व इच्छुक व्यक्ति जिज्ञासाओं के समाधान के लिए 9412383118 पर भी सम्पर्क कर सकते हैं। घाटों के प्रबंधन के इच्छुक व्यक्ति का विवरण वाला सूचना पट्ट भी घाट पर लगाया जायेगा।
आवेदन पत्र जिलाधिकारी कार्यालय रोशनाबाद, डीएफओ, प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड, कार्यालय में भी जमा किये जा सकते हैं। जिलाधिकारी ने उक्त योजना का आकर्षक नाम रखे जाने के लिए आम जन मानस से भी सुझाव आमंत्रित किये। जनमानस से प्राप्त उचित नाम और सुझावों में से योजना का नाम रखा जायेगा।
गंगा घाटों को रख-रखाव, साफ-सफाई, सौन्दर्यकरण आदि के प्रबन्धन हेतु एक वर्ष के लिए दिया जायेगा, जिसकी अवधि 01 जनवरी 2021 से 31 दिसम्बर 2021 तक होगी। सम्बन्धित प्रबन्धन संस्था का कार्य संतोषजनक होने एवं मूल्यांकन एवं अनुश्रंवण समिति की संस्तुति के आधार पर अगले वर्ष हेतु नवीनीकरण किया जा सकता है। किसी भी घाट को अधिकतम एक समय पर 03 वर्ष के लिए ही प्रबन्धन हेतु दिया जायेगा। अगले वर्ष हेतु किसी भी घाट के नवीनीकरण करने के लिए आवश्यक होगा कि नवीनीकरण हेतु प्रार्थना पत्र 01 दिसम्बर तक मूल्यांकन एवं अनुश्रवण समिति के समक्ष प्रस्तुत करना होगा, उक्त समिति का अनुमोदन होने पर 15 दिसम्बर तक अंशदान इस हेतु खोले गये ESCROW बैंक खाता में जमा करना होगा तथा 31 दिसम्बर तक उक्त घाट के नवीनीकरण सम्बन्धित समस्त औपचारिकताऐं पूर्ण करनी होगी।
गंगा घाटों के प्रबन्धन कार्य के आवंटित सैक्टर लेने के इच्छुक सम्बन्धित संस्था/व्यक्ति द्वारा अंशदान वहन करना होगा। प्रथम वर्ष में ही कुछ मूलभूत सुविधाओ/आवश्यकताओं को स्थापित करना होगा, जो सभी घाटों हेतु एक समान रूप में निर्धारित मानकों के अनुरूप होगी। एक वर्ष के प्रबन्धन कार्य के आवंटित सैक्टर हेतु निम्न प्रकार मदों के अनुसार अंशदान वहन करना होगा।
गंगा घाटों पर तैनात कार्मिकों का मानदेय प्र्रति माह रू0 12000/ होगा, जो सभी कार्मिकों हेतु एक समान होगा तथा श्रमिक कानून का पूर्णतः पालन करना होगा। मानदेय सम्बन्धित कार्मिक के बैंक खाते में देना होगा, जिसकी Monitoring, ESCROW बैंक खाते के माध्यम से की जायेगी।
बैठक में डीएफओ नीरज शर्मा, क्षेत्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड अधिकारी श्री राजेंद्र सिंह सहित जिला गंगा संरक्षण समिति के गैर सरकारी सदस्य मौजूद रहे।

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