हरिद्वार: ठंड की दस्तक शुरू होने के साथ हैं जंगली जानवरों के शिकार का खतरा भी बढ़ गया है। वन विभाग के हरिद्वार डिवीजन और राजाजी नेशनल पार्क की संयुक्त टीमों ने अति संवेदनशील इलाकों में संयुक्त गश्त शुरू कर दी है। गश्त करने वाली टीमें रात में जंगलों में ही शिविर लगा रही है। शिकारियों के लिए ठंड का सीजन सबसे मुफीद रहता है। ठंड अधिक पड़ने पर वन विभाग की गशती टीमें शाम ढलते ही जंगलों से वापस लौट आती हैं। इससे जंगली जानवरों के शिकार का खतरा बढ़ जाता है। ठंड के मद्देनजर वन विभाग के हरिद्वार डिवीजन राजाजी नेशनल पार्क के कर्मचारियों ने अति संवेदनशील रेंज से संयुक्त गश्त का अभियान शुरू कर दिया है। डीएफओ नीरज कुमार के मुताबिक लंबी गस्त में 11 टीम अलग-अलग छोड़ से निकल रही है। टीम ने रात में ही जंगलों में शिविर लगा रही है। श्यामपुर रेंज से इसकी शुरुआत की गई है। जंगल में कोई संदिग्ध मिलने पर उसे पूछताछ की जा रही है। जंगल में इंसानों और जंगली जानवरों के फुटप्रिंट भी देखे जा रहे हैं। जंगलों में रहने वाले गुर्जर परिवारों से भी संदिग्ध व्यक्तियों की आवाजाही को लेकर पूछताछ की जा रही है। डीएफओ के मुताबिक बीएचईएल और खानपुर रेंज में भी संयुक्त में गश्त कर रही है। हरिद्वार से बिहारीगढ़ बुग्गागढ़ तक गश्त हो रही है। उन्होंने बताया कि बिहारीगढ़ से हाथी आबादी क्षेत्र में प्रवेश करते हैं और फसलों को नुकसान पहुंचाते हैं। गश्त होने से हाथियों की आवाजाही भी रोकी जा रही है।
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