राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री मोदी को मनरेगा की गहराई समझने में बताया असमर्थ, कोरोनाकाल से उभरने में मनरेगा का बताया योगदान

देहरादून: केरल यात्रा के दूसरे दिन भी कांग्रेस नेता राहुल गांधी अपने संसदीय क्षेत्र वायनाड में मौजूद हैं और विभिन्न कार्यक्रमों में भाग ले रहे हैं। इस दौरान उन्होंने मनरेगा के कार्यकर्ताओं से भी मुलाकात की और उन्हें संबोधित किया।

इस दौरान अपने संबोधन में राहुल गांधी ने कहा कि यूपीए की सरकार ने मनरेगा को संकल्पित, विकसित और लागू किया था। मुझे याद है जब इसका पहली बार उल्लेख किया गया था तब हमें काफी प्रतिरोध का सामना करना पड़ा था। नौकरशाहों, व्यवसायियों ने कहा था कि यह पैसे की बर्बादी है।

मनरेगा को लेकर राहुल गांधी ने पीएम मोदी पर भी निशाना साधा। राहुल गांधी ने कहा कि जब मैंने लोकसभा में प्रधानमंत्री को मनरेगा के खिलाफ बोलते हुए सुना तो मैं चौंक गया था। उन्होंने इसे यूपीए की विफलताओं का जीवंत स्मारक बताया था। उन्होंने इसे राजकोष पर एक बोझ बताया था। इससे मुझे एहसास हुआ कि प्रधानमंत्री वास्तव में मनरेगा की गहराई को नहीं समझ पाए हैं।

राहुल ने कहा कि मैं कोरोना काल के दौरान देख रहा था जब हजारों की संख्या में लोग बेरोज़गार हुए वहीं मनरेगा ने लोगों को बचाया था। पीएम ने उस समय मनरेगा पर कोई सवाल नहीं उठाया क्योंकि यह स्पष्ट हुआ जो उन्होंने यूपीए की विफलताओं का जीवंत स्मारक बताया था उसी चीज़ ने भारत को कोविड के समय बचाया।

इससे पहले शुक्रवार को राहुल गांधी मनांथावडी में एक किसान बैंक के भवन का उद्घाटन और सुल्तान बाथेरी में यूडीएफ बहुजन संगमम में शामिल हुए थे। इस दौरान उन्होंने कहा था कि आज हमारे किसानों और कृषि को नजरअंदाज किया जा रहा है। किसानों को बिना किसी समर्थन के उन्हें उनकी स्थिति पर छोड़ दिया गया है। सरकारों को हमारे किसानों और कृषि की रक्षा के लिए काम करना चाहिए।

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