मेलाधिकारी ने अखाड़ों की पेशवाई के रुकने की जगह का किया निरीक्षण

हरिद्वार:  कुंभ मेलाधिकारी दीपक रावत ज्वालापुर स्थित पांडेय वाला धीरवाली में पहुंचे और अखाड़ों की पेशवाई के रुकने की जगह का निरीक्षण किया। उन्होंने स्वास्थ्य, बिजली, पानी, शौचालय आदि व्यवस्थाओं का जायजा लिया। दीपक रावत ने मौके पर मौजूद विभिन्न अधिकारियों को उचित दिशा निर्देश दिए।

इस दौरान जूना अखाड़े के अंतरराष्ट्रीय अध्यक्ष प्रेम गिरी के साथ भारी संख्या में साधु संत मौके पर मौजूद रहे। कुंभ मेले के दौरान स्टेशन पर यात्रियों की भीड़ ज्यादा न हो, इसके लिए स्टेशन परिसर में शिवमूर्ति के पास पांच से छह हजार यात्रियों के ठहरने की क्षमता वाला होल्डिंग एरिया तैयार किया जा रहा है। करीब सात से आठ टीनशेड बनाए जा रहे हैं।

दरअसल, कुंभ मेले में विभिन्न स्नान के बाद घर लौटने वाले यात्रियों की भीड़ रहती है। कोरोना संक्रमण को देखते हुए स्टेशन परिसर में कुछ सावधानियां बरती जाएंगी। मुरादाबाद मंडल के एडीआरएम एमएस मीणा ने बताया कि जिस ट्रेन के स्टेशन से छूटने का समय होगा, उस ट्रेन के यात्रियों को ही परिसर में प्रवेश दिया जाएगा।

अन्य यात्रियों को होल्डिंग एरिया में ठहराया जाएगा। होल्डिंग एरिया में करीब 100 से अधिक सीसीटीवी लगाए गए हैं। इन कैमरों को सीसीआर व रेलवे कंट्रोल रूम से जोड़ा जाएगा। इन कैमरों से यात्रियों पर नजर रखेगी जाएगी।

वहीं मंगलवार को ईश्वर महादेव मंदिर थल पिथौरागढ़, जागेश्वर मंदिर अल्मोड़ा, हल्द्वानी, दिनेशपुर, बाजपुर, रुद्रपुर, गढ़वाल, यमुनोत्री धाम के श्रद्धालु देव डोलियों को स्नान कराने हरिद्वार पहुंचे। श्रीपंच निर्मोही अणी अखाड़े के सचिव महंत रामशरण दास ने कुंभ मेला कार्यों को लेकर बैरागी कैंप की उपेक्षा का आरोप लगाते हुए मेला प्रशासन के प्रति कड़ी नाराजगी जताई है। उन्होंने आंदोलन की चेतावनी दी है। महंत रामशरण दास ने कहा कि बैरागी कैंप क्षेत्र प्राचीन काल से वैष्णव संतों के लिए आरक्षित भूमि रही है।

कुंभ मेले के दौरान लाखों बैरागी संत आते हैं। मेला प्रशासन की ओर से अखाड़ों को मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध नहीं कराई जा रही हैं। बैरागी कैंप क्षेत्र में अभी तक बिजली, पानी और शौचालय की कोई व्यवस्था नहीं है।

भूमि आवंटन के नाम पर भी मेला प्रशासन बार-बार वैष्णव संतों को बरगला रहा है।
महंत रामशरण दास ने आरोप लगाते हुए कहा कि वोट बैंक की राजनीति के लिए अवैध रूप से बैरागी कैंप में आबादी बसाई है। अतिक्रमण के नाम पर तीनों बैरागी अणियों को निशाना बनाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि संपूर्ण मेला क्षेत्र से अतिक्रमण हटाकर बैरागी कैंप क्षेत्र की भूमि को बैरागी संतों के लिए आरक्षित की जाए।

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