अमेरिका ने बीते वर्ष किया 1,40,000 भारतीय छात्रों को वीजा जारी

वाशिंगटन:  अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन के प्रशासन ने भारत के लोगों के साथ संपर्क बढ़ाने के उद्देश्य से पिछले वर्ष 1,40,000 से अधिक भारतीय छात्रों को वीजा जारी किए हैं। साथ ही अमेरिकी प्रशासन वीजा के वास्ते साक्षात्कार के लिए प्रतीक्षा अवधि को कम करने के लिए कई कदम उठा रहा है। वीजा सेवाओं के लिए उप सहायक विदेश मंत्री जूली स्टफ्ट ने एक साक्षात्कार में कहा कि भारत में अमेरिकी मिशन ने यह सुनिश्चित करने के लिए सप्ताह में छह-सात दिन काम किया कि छात्रों की कक्षाएं शुरू होने से पहले उनका साक्षात्कार ले लिया जाए। 

उन्होंने कहा कि इस वर्ष अमेरिका ने भारत से आ रही मांगों को पूरा करने के लिए भारी प्रयास किया। स्टफ्ट ने कहा, हमने इस वर्ष भारत में जो किया, उससे हम वास्तव में गौरवान्वित हैं। मेरा मानना है कि इतिहास में पहली बार हमने भारत में दस लाख वीजा जारी करने का लक्ष्य रखा और न केवल हमने इसे पूरा किया, बल्कि यह काम कई महीने पहले ही कर लिया गया। इस प्रकार संख्या इससे कहीं आगे जाएगी। 

उन्होंने कहा, ‘‘ भारत से इस वर्ष अमेरिका आने के लिए कामगारों, चालक दल के सदस्यों तथा छात्रों के आवेदन की रिकॉर्ड संख्या है। उन्होंने कहा कि अमेरिका वीजा के वास्ते साक्षात्कार के लिए प्रतीक्षा अवधि को कम करने के लिए कई कदम उठा रहा है। स्टफ्ट ने कहा, मुझे उम्मीद है कि इस वर्ष इसमें कमी आएगी यानी हमारे इस वित्त वर्ष में। लेकिन हम प्रतीक्षा समय को कम करने के लिए बड़ी संख्या में अधिकारियों को भारत भेज रहे हैं….।’’

‘फॉरेन प्रेस सेंटर’ द्वारा आयोजित विदेशी पत्रकारों के एक समूह के साथ बातचीत के दौरान स्टफ्ट ने कहा कि अमेरिका ने 2023 में अब तक एक करोड़ से अधिक वीजा जारी किए हैं जो कि उसके अनुमान से 20 लाख अधिक हैं और यह उसके विदेशी मिशनों के लिए अब तक की सर्वाधिक वीजा संख्या है। स्टफ्ट ने कहा कि 2024 के लिए प्रतीक्षा अवधि को कम करने के उद्देश्य से अमेरिका अब भी बहुत मेहनत कर रहा है।

अमेरिका दिसंबर से शुरू करेगा कार्य वीजा नवीनीकरण कार्यक्रम, भारतीयों को सबसे अधिक लाभ 
अमेरिका दिसंबर में एच-1बी वीजा की कुछ श्रेणियों के नवीनीकरण के लिए एक प्रायोगिक कार्यक्रम शुरू करने जा रहा है जिसमें खासतौर पर बड़ी संख्या में भारतीय प्रौद्योगिकी पेशेवरों को लाभ होगा। एच-1बी वीजा एक गैर-आव्रजक वीजा है जो अमेरिकी कंपनियों को खास पेशों में विदेशी कर्मचारियों को नियुक्त करने की इजाजत देता है। प्रौद्योगिकी कंपनियां प्रति वर्ष भारत और चीन जैसे देशों से हजारों की संख्या में कर्मचारी भर्ती करती हैं। प्रायोगिक कार्यक्रम में केवल 20,000 उम्मीदवारों को शामिल किया जाएगा और इसकी घोषण उस वक्त की गई थी जब जून में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने अमेरिका की यात्रा की थी। 

अमेरिका में भारतीय छात्र पर परिवार के तीन सदस्यों की हत्या का आरोप 
न्यूयॉर्क। भारतीय मूल के 23 वर्षीय एक छात्र को न्यू जर्सी कॉन्डोमिनियम के अंदर अपने दादा-दादी और चाचा की कथित तौर पर हत्या करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया है। साउथ प्लेनफील्ड पुलिस विभाग और मिडलसेक्स काउंटी अभियोजक के कार्यालय ने एक बयान में कहा कि ओम ब्रह्मभट्ट पर दिलीप कुमार ब्रह्मभट्ट (72), बिंदु ब्रह्मभट्ट (72) और यशकुमार ब्रह्मभट्ट (38) को गोली मारने का आरोप है। मिडलसेक्स काउंटी अभियोजक के कार्यालय ने एक प्रेस विज्ञप्ति में कहा कि सोमवार को एक पड़ोसी ने गोली चलने की आवाज सुनी जिसके बाद अधिकारी सुबह करीब नौ बजे मौके पर पहुंचे और तीनों को मृत पाया।

एनबीसी न्यूयॉर्क की खबर में सूत्रों के हवाले से बताया गया कि ओम कुछ महीने पहले ही न्यूजर्सी आया था। पुलिस के अनुसार, गोली चलाने का कारण पता नहीं चला है, लेकिन पड़ोसी ने एनबीसी न्यूयॉर्क को बताया कि पहली बार पुलिस को यहां नहीं बुलाया गया। पड़ोसी के अनुसार, पहले एक बार घरेलू हिंसा के चलते पुलिस को यहां बुलाया गया था। पुलिस ने जांच के दौरान कहा है कि यह हिंसा की अचानक की गई घटना नहीं है, हालांकि आरोपी से आम जनता को कोई खतरा भी नहीं था।

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